
राज्य ब्यूरो, जम्मू। पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा किए नरसंहार की जांच के लिए एनआईए ने मामला दर्ज कर लिया है। अब कई टीमें जांच में जुट गई हैं। आतंकी हमले के सबूत जुटाने के लिए कुछ प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की गई है।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तह तक जाने के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) हर उस शख्स से पूछताछ कर रही है, जिसका कोई न कोई कनेक्शन है. एनआईए ने उस जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, जिसका वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में वह बार-बार ‘अल्लाह हू अकबर, अल्लाह हू अकबर’ कहता नजर आ रहा था. जबकि उसे पता था कि आतंकी आ चुके हैं, गोलियां चला रहे हैं, इसके बाजवूद वह टूरिस्टों को सचेत नहीं करता है. सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की पूछताछ में उसकी बातों में विरोधाभास नजर आ रहा है. जो कुछ भी वह बता रहा है, वह वीडियो से मैच नहीं कर रहा है. एनआईए ने उसके फोन डिटेल्स भी चेक किए हैं. इससे उसकी भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
वायरल वीडियो हमले के दौरान का है. टूरिस्ट ऋषि भट्ट ने इसे रिकॉर्ड कियाा है, जिसमें जिपलाइन ऑपरेटर को गोलीबारी की आवाज के बीच कथित तौर पर ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाते सुना गया. ऋषि भट्ट ने दावा किया कि जिपलाइन ऑपरेटर का व्यवहार संदिग्ध था, क्योंकि उसने गोलियों की आवाज सुनने के बावजूद उन्हें रुकने के बजाय जिपलाइन पर आगे बढ़ने के लिए कहा. भट्ट ने कहा, मैंने देखा कि 4-5 आतंकी धर्म पूछकर लोगों को गोली मार रहे थे. ऑपरेटर पहले सामान्य था, लेकिन फायरिंग की आवाज सुनते ही उसने नारेबाजी शुरू कर दी.
यह वीडियो और भट्ट का बयान NIA की जांच का आधार बना. NIA सूत्रों के अनुसार, जिपलाइन ऑपरेटर मुज़म्मिल के बयानों में कई विरोधाभास पाए गए हैं. उसने दावा किया कि वह हमले के दौरान सामान्य रूप से काम कर रहा था और उसे आतंकी गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी. हालांकि, वायरल वीडियो में उसका व्यवहार और नारेबाजी उसके इस दावे से मेल नहीं खाती. सूत्रों ने बताया कि ऑपरेटर हमले के तुरंत बाद सीधे अपने घर चला गया, जो सामान्य परिस्थितियों में संदिग्ध माना जा रहा है.