
युवाओं को इनोवेशन से जोड़ा जा रहा
युवाओं को बचपन से तकनीक व इनोवेशन से जोड़ा जा रहा है। प्रतिभा (टैलेंट), तेवर (टेंपरामेंट) व तकनीक (टेक्नालॉजी) का यह जुड़ाव भारत के भविष्य को बदलेगा। पीएम मोदी ने मंगलवार को भारत मंडपम में आयोजित पहले नवाचार ( इनोवेशन ) सम्मेलन ‘युग्म’ को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।
बायो साइंस के क्षेत्र में 14 सौ करोड़ के करार
पीएम मोदी ने इस मौके पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बाद शिक्षा के क्षेत्र में आए बदलावों की जिक्र किया व कहा कि बच्चों में अब स्कूली स्तर पर ही शोध और इनोवेशन के बीज रोपे जा रहे है। अटल टिंकरिंग लैब ( एटीएल) के जरिए वे अपने सपनों को नई उड़ान दे रहे है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने जिन लक्ष्यों को तय किया है उसे निरंतर गति देने के लिए देश के रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूती देना आवश्यक है। पिछले एक दशक में इस दिशा में काफी तेजी से काम हुआ है। 2013-14 में शोध और इनोवेशन पर जहां खर्च सिर्फ 60 हजार करोड़ था, हमने इसे दोगुना से ज्यादा बढ़ाकर सवा लाख करोड़ से ऊपर कर दिया है। पेटेंट के क्षेत्र में रफ्तार बढ़ी है, वर्ष 2014 में जहां 40 हजार पेटेंट फाइल हुई थे, वहीं अब ये संख्या 80 हजार से अधिक हो गई है।
हमारे पास समय कम है व लक्ष्य बड़ेः मोदी
मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए हमारे पास समय कम है व लक्ष्य बड़े है। ऐसे में जरूरी है कि प्रोटोटाइप से प्रोडक्ट तक की यात्रा कम समय में पूरी हो। जब हम इस दूरी को कम देंगे तो शोध का लाभ लोगों तक तेजी से पहुंचने लगता है।
शोध के इकोसिस्टम को मजबूती देने के लिए जरूरी है कि शैक्षिक संस्थान, निवेशक, उद्योग जगत के लोग शोधार्थियों की मदद करें। उन्हें गाइड करें। सम्मेलन को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेद्र सिंह व वाधवानी फाउंडेशन के रोमेश वाधवानी ने भी संबोधित किया।